Pre-script: Here goes my first poem in Hindi.. :) :)
तू क्या जाने मेरी कहानी ,
तू क्या जाने मेरी कहानी ,
चादर ओढे लेटी वो तन्हाई ,
गले लगाने को बेकरार हो जैसे ,
झाँकती तो कभी पुकारती वो पल पल ,कह रही हो जैसे आजा मिटा दे ये हलचल,
मेरी बाहों के घेरे में सिमट के ,
सारे गमों का इज़हार आज तू खुल के कर दे ,
और बह लेने दे ये मोती बेशुमआर,
छट जाये शायद तेरी कुछ उदासी ,
तू क्या जाने मेरी कहानी ,
चादर ओढे लेटी वो तन्हाई ,
तमाम हसरतों को उड़ान दे रही हो जैसे ,
हज़ारों उल्झनों के जवाब देती जा रही न जाने कैसे ,
तांकती झाँकती कह रही वो बार बार ,
डूब के तो देख एक बार इस दरिया में ,
तू पहुँच जायेगा हर मुश्किल के उस पार